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RG Kar Medical College: पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष की मुश्किलें बढ़ीं, CBI के बाद अब ED ने की छापेमारी

RG Kar Medical College: आरजी कर मेडिकल कॉलेज, कोलकाता के पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। शुक्रवार की सुबह, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके घर पर छापेमारी की। यह छापेमारी संदीप घोष के खिलाफ वित्तीय गड़बड़ी के मामले में की गई है, जिसमें ED ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मामला दर्ज किया है।

RG Kar Medical College: पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष की मुश्किलें बढ़ीं, CBI के बाद अब ED ने की छापेमारी

संदीप घोष की गिरफ्तारी और ED की छापेमारी

संदीप घोष वर्तमान में CBI की हिरासत में हैं। उन्हें और उनके तीन सहयोगियों को मेडिकल कॉलेज में वित्तीय गड़बड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ED की छापेमारी अभी भी जारी है, और इस दौरान उनके घर का ताला तीन घंटे की प्रतीक्षा के बाद खोला गया। इससे पहले, CBI टीम को भी घोष के घर के बाहर 75 मिनट तक इंतजार करना पड़ा था।

ED की छापेमारी के विवरण

ED की टीम ने कोलकाता के बेलेघाटा में स्थित घोष के निवास पर छापेमारी की। इसके अलावा, टीम ने हावड़ा में दो अन्य स्थानों पर भी छापेमारी की। यह छापेमारी महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की हत्या के मामले की जांच के दौरान की जा रही है, जिसे पहले कोलकाता पुलिस ने और बाद में उच्च न्यायालय के आदेश पर CBI ने जांच के लिए सौंपा था।

हाई कोर्ट के आदेश पर CBI की कार्रवाई

9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में एक महिला प्रशिक्षु डॉक्टर का शव मिला था। पहले इस मामले की जांच कोलकाता पुलिस ने की थी। लेकिन 16 अगस्त को पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एक SIT का गठन किया और अगले दिन उच्च न्यायालय ने इस मामले को CBI को सौंप दिया।

26 दिन बाद, CBI ने संदीप घोष और उनके तीन सहयोगियों को गिरफ्तार किया। CBI ने 24 अगस्त को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी।

संदीप घोष पर लगाए गए आरोप

संदीप घोष के खिलाफ आरजी कर अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक, डॉ. अख्तर अली ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। डॉ. अली ने घोष पर वित्तीय गड़बड़ी के आरोप लगाए थे और ED से जांच की मांग की थी।

संदीप घोष के खिलाफ आरोप हैं कि उन्होंने टेंडर में पक्षपात किया, चिकित्सा कचरे की अवैध बिक्री की और पैसे लेकर मेडिकल छात्रों को पास किया। इस मामले में CBI ने सुरक्षा गार्ड्स अफसर अली, बिप्लब सिंह और सुमन हाज़रा को भी गिरफ्तार किया है।

न्याय की उम्मीद

इस मामले के उजागर होने के बाद से समाज में काफी गुस्सा और चिंता है। छापेमारी और गिरफ्तारी से यह स्पष्ट हो गया है कि इस मामले की जांच में कोई ढील नहीं बरती जाएगी। CBI और ED की कार्रवाई से न्याय की उम्मीदें बढ़ी हैं और यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि दोषियों को उचित सजा मिले और ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाए।

सारांश

संदीप घोष और उनके सहयोगियों के खिलाफ की गई छापेमारी और गिरफ्तारियां इस बात का संकेत हैं कि सरकार और जांच एजेंसियां किसी भी प्रकार की वित्तीय गड़बड़ी और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगी। इस कार्रवाई से यह संदेश भी मिलता है कि हर स्तर पर पारदर्शिता और ईमानदारी को सुनिश्चित किया जाएगा। इस मामले के हल होने से उम्मीद है कि इससे जुड़ी सभी गड़बड़ियों का पर्दाफाश होगा और न्याय की प्रक्रिया में तेजी आएगी।

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